Shodashi - An Overview
Wiki Article
हरिप्रियानुजां वन्दे देवीं त्रिपुरसुन्दरीम् ॥७॥
एकस्मिन्नणिमादिभिर्विलसितं भूमी-गृहे सिद्धिभिः
चक्रेश्या पुर-सुन्दरीति जगति प्रख्यातयासङ्गतं
Charitable acts for example donating food and outfits for the needy also are integral towards the worship of Goddess Lalita, reflecting the compassionate element of the divine.
सा नित्यं मामकीने हृदयसरसिजे वासमङ्गीकरोतु ॥१४॥
लक्ष्मीशादि-पदैर्युतेन महता मञ्चेन संशोभितं
काञ्चीपुरीश्वरीं वन्दे देवीं त्रिपुरसुन्दरीम् ॥१०॥
यदक्षरमहासूत्रप्रोतमेतज्जगत्त्रयम् ।
भगवान् शिव ने कहा — ‘कार्तिकेय। तुमने एक अत्यन्त रहस्य का प्रश्न पूछा है और मैं प्रेम वश तुम्हें यह अवश्य ही बताऊंगा। जो सत् रज एवं तम, भूत-प्रेत, मनुष्य, प्राणी हैं, वे सब इस प्रकृति से उत्पन्न हुए हैं। वही पराशक्ति “महात्रिपुर सुन्दरी” है, वही सारे चराचर संसार को उत्पन्न करती है, पालती Shodashi है और नाश करती है, वही शक्ति इच्छा ज्ञान, क्रिया शक्ति और ब्रह्मा, विष्णु, शिव रूप वाली है, वही त्रिशक्ति के रूप में सृष्टि, स्थिति और विनाशिनी है, ब्रह्मा रूप में वह इस चराचर जगत की सृष्टि करती है।
Sati was reborn as Parvati towards the mountain king Himavat and his spouse. There was a rival of gods named Tarakasura who can be slain only via the son Shiva and Parvati.
श्री-चक्रं शरणं व्रजामि सततं सर्वेष्ट-सिद्धि-प्रदम् ॥५॥
The Mahavidya Shodashi Mantra fosters emotional resilience, supporting devotees tactic lifetime by using a calm and constant thoughts. This advantage is effective for the people dealing with anxiety, mainly because it nurtures internal peace and the chance to preserve psychological stability.
भर्त्री स्वानुप्रवेशाद्वियदनिलमुखैः पञ्चभूतैः स्वसृष्टैः ।
स्थेमानं प्रापयन्ती निजगुणविभवैः सर्वथा व्याप्य विश्वम् ।